Villagers suffering from drinking water problem decided that outside tankers will not be allowed to enter the pond

पेयजल समस्या त्रस्त ग्रामीणों का निर्णय तालाब में नहीं होगी बाहर के टैंकरों की एंट्री

  • पाणी की पीर
  • आगोलाई,उदयसर व कोनरी ग्राम पंचायत के गांवों व ढ़ाणियों के लिए होगा पानी का संरक्षण
  • व्यावसायिक गतिविधियों के लिए भी नहीं भरने देंगे पानी

जोधपुर/आगोलाई,मारवाड़ में ‘पाणी की पीर’ किसी से छुपी हुई नही हैं। सरकारें भले ही करोड़ों रुपए खर्च करके लोगों को पानी पिलाने का दावा करती होगी लेकिन मारवाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग आज भी पेयजल के लिए परंपरागत जल स्रोतों से ही अपनी प्यास बुझाते हैं।

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इसके ग्रामीण खुद चंदा एकत्रित कर नाडी-तालाब की सुरक्षा,साफ-सफाई व संरक्षण कार्य आज भी जिम्मेदारी के साथ करते हैं। जोधपुर से करीब पचास किलोमीटर दूर आगोलाई व आस-पास के छोटे-बड़े 7-8 गांवों व ढ़ाणियों के ग्रामीण पिछले डेढ-दो दशक से पानी की भंयकर समस्या से ग्रस्त हैं।

यहां की 90 प्रतिशत आबादी व पशुधन आज भी नाडी-तालाब के पानी पर निर्भर हैं। सरकारों द्वारा इस क्षेत्र में पाइप लाइनों का जाल जरूर बिछा दिया है लेकिन पेयजल आपूर्ति कुछेक क्षेत्र को छोड़कर साल में एकाध बार भी नहीं होती हैं। कही-कही पर तो पाइप लाइन व जीएलआर बनने के बाद एक बार भी पानी शायद ही पहुंचा होगा।

गर्मी के दिनों में 5-6 महीने पानी की इतनी भयंकर समस्या होती है कि लोगों को 1000-1500 रुपए खर्च करके बालोतरा जिले से पीने के पानी के लिए टैंकर मंगवाने पड़ते हैं। इसी को लेकर शनिवार को आगोलाई सार्वजनिक तालाब पर आगोलाई व तालाब लगते गांवों के ग्रामीणों ने बैठक कर इस तालाब के पानी का परिवहन आगोलाई, उदयसर व कोनरी ग्राम पंचायत के गांवों व ढ़ाणियों के आलावा अन्य जगह नहीं करने देने का निर्णय लिया गया।

राज शुद्ध पानी पिलाने में असफल ग्रामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र की करीब 15 हजार की जनसंख्या को राज पानी पिलाने में असमर्थ है। पिछले कई दशकों से हम पानी के लिए सरकारों से मिन्नतें करते हैं लेकिन कभी भी इस क्षेत्र में पानी समय पर पेयजल आपूर्ति नहीं हुई।

हजारों शिकायतें की लेकिन हिमालय पेयजल योजना में आगोलाई-गगाड़ी जलप्रदाय योजना के अंतिम छोर पर स्थित होने के कारण पानी नही पहुंचने का बहाना बताकर जलदाय विभाग व प्रशासन द्वारा पल्ला झाड़़कर शिकायतें निरस्त कर दी जाती हैं। पिछले दिनों गर्मी इस क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए खूब तरसना पड़ा।

व्यावसायिक उपयोग के लिए टैंकर भरने पर रोक
ग्रामीणों ने बताया कि जोधपुर- जैसलमेर हाइवे पर स्थित होटलों, भारतमाला व क्षेत्र में व्यवसायिक उपयोग के लिए इस तालाब से पानी के टैंकर भरने की अनुमति नही दी जाएगी।

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तालाब से लगते गांवों के टैंकरों को ही तालाब में एंट्री होगी,बाहर के गांवों से आने वाले टैंकरों की एंट्री नहीं होगी। बैठक में मांगीलाल सारण,पूर्व सरपंच दिनेशचंद शर्मा, बालाराम,मंगलाराम,चौखाराम, भलाराम देवासी,सोनाराम मेघवाल, भीयाराम सारण,दुर्गाराम सारण, हीराराम देवासी,बिरधाराम,जेठमल शर्मा,आदित्य चौधरी,मुकेश चौधरी, कालू कड़ेला,मोहन आचार्य सहित बबड़ी संख्या में ग्रामीण व युवा मौजूद थे।