वृद्ध के डेढ़ करोड़ के पुश्तैनी एंटिक आभूषण हड़प लिए
- जिसे बेटे की तरह रखा उसी ने पीठ पर घोंपा छुरा
- शातिर मूलसिंह चारण पर हुआ एक और केस दर्ज
- परिवार के सेवा चाकरी के नाम पर हड़प लिए गहने
- वृद्ध खा रहा ठोकरें
जोधपुर,वृद्ध के डेढ़ करोड़ के पुश्तैनी एंटिक आभूषण हड़प लिए। जिस व्यक्ति को परिवार का सदस्य समझ कर पांचवां बेटा माना और पूरा विश्वास किया उसी व्यक्ति ने एक परिवार के साथ छल करते हुए डेढ़ करोड़ के एंटिक पुश्तैनी जेवरात हड़प लिए। अब आरोपी वृद्ध का फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझ रहा है। थके हारे वृद्ध ने सरदारपुरा पुलिस की शरण ली है और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया है। आरोपी के खिलाफ पहले भी धोखाधड़ी के प्रकरण सामने आ चुके हैं।
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दरअसल सरदारपुरा में नेहरू पार्क मकान नंबर 95 में रहने वाले 88 साल के जेठमल बाहेती पुत्र स्व. केसरीमल बाहेती ने पुलिस में रिपोर्ट दी है। इनके अनुसार मथानिया के तिंवरी स्थित अगुणावास का मूलसिंह चारण पुत्र स्व.शंकरदान चारण उनके घर का पारिवारिक सदस्य की तरह था। उसका घर में बीस सालों से आना जाना था। जेठमल बाहेती के चार पुत्र और एक पुत्री है। जेठमल बाहेती ने मूलसिंह चारण को अपना पांचवां पुत्र मान रखा था। वृद्धावस्था के चलते एक अन्य व्यक्ति तख्तदान बारहठ भी उनका पारिवारिक सदस्य है।
जेठमल बाहेती वृद्धावस्था के चलते हृदय रोग,उच्च रक्तचाप,थॉयराइड इत्यादी कई प्रकार की बीमारियों में ग्रसित भी है। वे ज्यादा चल फिर सकने में सक्षम नहीं हैं एवं घर पर ही रहते हैं। तख्तदान उनके केयर टेकर भी रहा है।रिपोर्ट के अनुसार मूलसिंह चारण उनके घर की सभी बातों से परिचित था। वृद्धावस्था के चलते जेठमल बाहेती ने अपने पुश्तैनी एंटिक आभूषणों को बेचकर अपनी संतानों में रकम बांटना चाहते थे ताकि उनके गुजरने के बाद उनमें कोई झगड़ा फसाद आदि न हो। इसके लिए उन्होंने मूलसिंह पर पूर्ण विश्वास करते हुए एंटिक आभूषणों को बेचने की बात रखी थी।
इस पर मूलसिंह चारण बाद में एक दिन उनके पास सुनार को लेकर आया और आभूषणों को चैक करवाया जिनकी अनुमानित 1.60 करोड़ निकल रही थी।तब बातों बातों में मुलसिंह से यह भी पता चला था कि उसने वकालात की डिग्री ले रखी है लेकिन वह वकालात नहीं कर जमीनों की एवं एन्टीक आभूषणों के आईटमों की दलाली का काम करता है एवं गांव में उसकी खेती बाड़ी भी है। यही उसकी आजीविका का साधन है, ऐसा वह बताता था। इससे पहले उसने एक किराये पर ली हुई होटल थी जो रातानाड़ा में जसोल हाउस के नाम से थी परन्तु भागीदारों से झगड़ा होने की वजह से उसके घाटा लग गया एवं वह अब काफी वर्षों से उपरोक्त दलाली का कार्य करता है। रिपोर्ट के अनुसार जेठमल बाहेती की पत्नी का स्वर्गवास 13 अक्टूबर 2008 को हो गया था। आभूषणों को बेचने की बात जून 2023 में की गई थी।
यह एंटिक आभूषण मूल सिंह चारण को दिए गए
25 तोला सोने का तिमणियां, लगभग 30 तोला सोने की आड, लगभग 40 तोला सोने के बाजूबंद जोडी,लगभग 25 तोला सोने का राणीहार,लगभग 20 तोला सोने का कंदोरा एवं हथफुल,छडे,पुणक्छे इत्यादी सभी लगभग 20 तोला सोने की थी। लगभग 160 तोले सोने के एंटीक जेबरात में पन्ने,माणक,मोती, रूबी जैसे बहुमुल्य रत्र लगे हुए थे। सोनार व मूनसिंह ने इन पुश्तैनी जेवरात की एंटीक बाजार में लगभग डेढ करोड़ रुपये की कीमत आंकी थी।
दक्षिण भारत में बेचने की बात की
मूूलसिंह व सोनार ने कहा कि ये जेवर वे दक्षिण भारत में एक एक कर लगभग 10-12 माह में यह जेवर डेढ़ करोड़ रुपये में बेच देंगे जो अंतत: मोलभाव कर मेरे व मूलसिंह के बीच एक करोड़ साठ लाख रुपये आपसी सहमति मे रकम तय हुई। तब मूल सिंह ने कहा कि एक करोड़ साठ लाख से ऊपर जो भी रकम इन एंटीक आभूषणों की बिक्री से प्राप्त होगी वह नफा मूलसिंह रखेगा।
अगस्त 2024 तक रकम देने को कहा गया
परिवादी जेठमल बाहेती के अनुसार जून 2023 के मध्य मूलसिंह ने मेरे से गहने मांगे तो मैंने उससे कहा कि मुझे इनकी कीमत अगस्त 2024 के अन्त तक चाहो तो एक मुश्त चुका देना या जैसे जैसे आइटम बिके वैसे वैसे चुका देना परन्तु अगस्त 2024 तक मुझे संपूर्ण रकम चाहिए। समय का भरोसा नहीं ऐसा कहकर जेठमल बाहेती को एक चेक मूलसिंह द्वारा सौंपा गया था। मगर मूल सिंह ने विश्वास में लेते उन्हें सितंबर 24 को चेक दिया था। रकम और चेक का लेनदेन तख्तदान और जेठमल बाहेती के एक मित्र गणपतसिंह भाटी के मध्य हुआ था। मगर बाद में मूलसिंह चारण वर्ष 2023 में सितंबर और नवंबर में दो ही मिलने आया था। पूछताछ पर बताया कि मामला प्रोसेस में है आभूषण बिकने पर वह स्वत: ही रकम लेकर आ जाएगा। इसके बाद मूलसिंह जून 2024 तक मिलने आया था।
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पता लगा धोखाधड़ी में गया जेल
परिवादी के अनुसार उन्हें अपने परिचित तख्तदान से 15 जुलाई 24 पता लगा कि मूलसिंह धोखाधड़ी के केस में जेल गया है। उसके खिलाफ नकली सोने का मुकदमा भी दर्ज हुआ है। 16 जुलाई को मूलसिंह के घर गए तो उसने तख्तदान को धमकाया कि सेठजी और तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते है। बीस साल से डोकरे की सेवा की है उसका हक लिया है।
