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टाउनहॉल के मंच पर साकार हुआ स्वतंत्रता संग्राम

  • ‘इन्कलाब शहीदों के नाम’नाटक का प्रभावी मंचन
  • राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर और उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र का संयुक्त आयोजन
  • दिल्ली की नाट्य संस्था लिविंग थिएटर की प्रस्तुति

जोधपुर,राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर और उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र,संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह के तहत दूसरे दिन शुक्रवार सायं नई दिल्ली की नाट्य संस्था लिविंग थिएटर ने इंकलाब शहीदों के नाम नाटक का मंचन किया। इस नाटक के लेखके व निर्देशक शेख खैरुद्दीन थे।

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सन्दर्भ-हमारी आजादी को 75 वर्ष पूर्ण हो चुके है। जिसे सब बडे़ हर्षो उल्लास के मना रहे हैं,यह समय है जब हम सब कुछ भूलकर उन आजादी के मतवालों को याद करें,जिन्होंने सब कुछ त्याग कर,भारत माँ को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी,उनकी कुरबानी के बारे में जब-जब हम सुनते हैं तो हमारी आंखे आसूओं से भर जाते हैं,‘इन्कलाब शहीदों के नाम’ एक संगीत मय नाटक है,जिसमें मुख्यतः काकोरी घटना के प्रमुख क्रान्तिकारियों के बारे में जानकारी दी गई है। चौराचौरी घटना के बाद अकस्मात गांधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन वापस लेने के बाद,हमारे देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करने के लिए भारत के वीरों ने, हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन दल बनाकर ब्रिटिश हुकूमत के विरूद्ध एक चुनोती खड़ी कर दी,देश के अलग-अलग प्रान्त से अनेक वीरों ने इसमें बढ़चढ़ कर भाग लिया। इसके प्रमुख महानायक थे राम प्रसाद बिस्मिल,अशफ़ाकउल्ला खान,राजेन्द्र लहेडी,चन्द्र शेखर आजाद,कालिदास, ठाकुर रोशन सिंह तथा केशब चक्रवर्ती प्रमुख थे। यह वह समय था जब क्रांतिकारी ब्रिटिश सरकार से टक्कर लेने से नहीं डरे,वे जान हथेली में लिए आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे। न मौत का डर,जेल यातना से भय,निडर होकर भारत माँ के सपूतों ने विशाल हुकुमत को ललकारा था। इन्ही दृश्यों को मंच पर छायानृत्य के रूप में दर्शाया गया।

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इसमें रामप्रसाद बिस्मिल-पवन दुबे, अशफाकउल्ला खान-धमेन्द्र,सूत्रधार/स्क्रीप्ट-अनाम शेख,राजेन्द्र लहरी- साहिल खान,चिरोंजी लाल-शेख खेरीउद्दीन,मुकन्दी लाल-विनय,काली दास-हनु यादव,गुफरान-तंजीम निराला,सान्याल-अनिरबन घोष, चन्द्रशेखर आजाद-यश आद्यान, इंग्लिश आफिसर-डॉ.एसके सिंह, ओलिवर/जेलर इलाहाबाद-वशी हैदर, ब्राउन/जेलर फैजाबाद-रिशभ/बबलू पांडे,डांसर-लम्बोदर मोहंतो,अशोक मोहंतो मंच पर थे। मंच परे सूत्रधार/स्क्रीप्ट-अनाम शेख,संगीत-सुजाता पाल,हारमोनियम व गायन-हरिओम थे। नाट्य निर्देशक शेख खैरूद्दीन का अकादमी अध्यक्ष बिनाका जेश ने पुष्प गुच्छ,शॉल व मोमेंटो द्वारा अभिनंदन किया।कार्यक्रम का संचालन एमएस ज़ई ने किया।

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