डिप्रेशन में मानसिक स्थिति बिगड़ी
जोधपुर, शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल के यूजी हॉस्टल के एक कमरे में शनिवार रात को फंदा लगाकर खुदकुशी करने वाले एमबीबीएस छात्र का शव आज उसके परिजन को सौंप दिया गया। मरने से पहले उसने सुसाइड नोट लिखकर अपनी शारीरिक व मानसिक स्थिति से अवगत कराया। वैसे अब पुलिस की तरफ से अग्रिम अनुसंधान भी किया जा रहा है।
आत्महत्या जैसे मामलों में अक्सर कोई न कोई कारण में डिप्रेशन का शिकार होना ही सामने आता है। जहां एक ओर 15 दिन बाद मेडिकल स्टूडेंट्स के फाइनल ईयर की परीक्षा होनी थी, लेकिन चोट का दर्द असहनीय व कभी ना खत्म होने वाला नासूर जैसा ही बन गया था। बस..इसी को लेकर डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के फाइनल इयर के स्टूडेंट ने मौत को गले लगा लिया।
मरने से पहले माता-पिता, चाचा व बड़े भाई के नाम चार लाइनें लिखी थी। जिसमें उसने माफी मांगते हुए खुद को मानसिक स्थिति से परेशान बताया। इसके साथ ही फिजिकल इंजरी से बहुत आहत होना लिखा, फिर जान दे दी। दरअसल जालोर के रामसीन निवासी 25 साल का डॉ. गीनाराम देवासी पुत्र केवाजी देवासी के दो साल पहले कूल्हे में गहरी चोट लग गई थी। फैक्चर का उपचार भी हो गया था, लेकिन चलने में दिक्कत के साथ लगातार असहनीय दर्द भी होता रहता था। इसके बाद कई जगह पर उपचार भी करवाया, लेकिन दर्द खत्म नहीं हुआ।
पिछले दो माह से वीडियो भी देख उस दर्द का मर्म तलाश रहा था, लेकिन वहां पर भी सफलता हाथ नहीं लगी। बस इसी जद्दोजहद में डिप्रेशन में आने लगा, फिर हॉस्टल के ही कमरे में आत्महत्या कर डाली। इधर, रविवार को शास्त्रीनगर थानाधिकारी पकंज माथुर ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द किया गया।