- समाजसेवी अपर्णा बिस्सा, रीमा मैसी ने कुत्ते के बाड़े में ही कुत्ते के बच्चों के लिए बनाया अलग अस्थाई मकान
- घर से लाए कंबल, शॉल ओढ़ाकर रखा सुरक्षित,
- अब तक 7 बच्चों की हो चुकी मौत
- कुत्ते के बच्चे घर पर रखने वाली महिला अनशन पर
जोधपुर, शहर के रातानाडा पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाली संगीता सुराणा के घर जिन 42 कुत्तों के बच्चों को पुलिस की टीम द्वारा रेड करके पकड़े जाने के बाद रेस्क्यू करके नगर निगम के कुत्ते के बाड़े में रखे जाने के मामले के बीच जहां 7 कुत्ते के बच्चों की मौत हो चुकी है वहीं दूसरी ओर पीपल फॉर एनिमल की संस्थापक मेनका गांधी ने इस पूरे मामले में जानकारी लेने के साथ कई अधिकारियों से फीडबैक लिया है,इस पूरे मामले को सबके सामने लाने वाली समाज सेविका अपर्णा बिस्सा और रीमा मैसी ने कुत्ते के बाड़े पहुंच कर कुत्ते के बच्चों की सुध ली तो पता लगा कि 7 बच्चों की मौत हो चुकी है, कुछ और कुत्ते भी बीमार व कमजोर बताए जा रहे हैं। ऐसे हालात के बीच दोनों समाज सेविकाओं ने नगर निगम के कर्मचारियों की मदद से कुत्तों के बाड़े में ही कुत्तों के बच्चों के लिए अपने घर से लेकर गए ओढ़ने की शॉल और कंबल से अलग से घर बनाया और उन बच्चों को सुरक्षित रखा गया है। समाज सेविका अपर्णा बिस्सा का कहना है कि हेल्दी बच्चों को गायब करना और कमजोर बच्चों को भूखे रखने के कारण इन बच्चों की मौत हुई है। संगीता सुराणा पर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ ऐसा हो रहा है जो अनैतिक है, मगर यह सब जांच के दायरे में है। रात के अंधेरे में आखिर कुत्ते के बच्चों को लेकर संगीता सुराणा कहां जाती थी।यह सब जांच के बाद ही पता लगेगा। समाज सेविका रीमा मैसी का कहना है हमें जैसे ही पता लगा पुलिस के माध्यम से बच्चों को रेस्क्यू करके यहां तो ले आए हैं लेकिन जिस तरह से संगीता सुराणा बार-बार इन कुत्तों को वापस लेने के लिए मांग कर रही है वह गैर वाजिब है क्योंकि कोई भी व्यक्ति एक साथ अपने घर में इस तरीके से कुत्ते के बच्चों को नहीं रख सकता, इसके पीछे कोई गलत इंटेंशन है उसका पर्दाफाश होना जरूरी है। नगर निगम के कुत्तों के बाड़े में काम करने वाले कर्मचारी सुनील कुमार ने बताया रेस्क्यू करके लाए गए 42 कुत्तों में से 7 कुत्ते के बच्चों की मौत हो चुकी है। उधर जिस महिला संगीता सुराणा के घर से कुत्ते के बच्चे मिले वह अभी भी अनशन पर बताई जा रही है।