जोधपुर, कोरोना महामारी के चलते 31 दिसंबर तक स्कूलें बंद होने से इस बार बच्चों की अर्धवार्षिक परीक्षाएं नहीं होंगी। ऐसे में वार्षिक परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर ही उन्हें आगामी कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने सत्र 2020-21 के लिए स्कूलों में पढ़ाई और परीक्षा की गाइड लाइन जारी की है। आमतौर पर दिसंबर में स्कूली बच्चों की अर्धवार्षिक परीक्षाएं होती हैं और 25 दिसंबर के बाद स्कूलों में सर्दियों का अवकाश भी शुरू हो जाता है, लेकिन अर्ध वार्षिक परीक्षा नहीं होने के साथ ही अब शिक्षकों के शीत कालीन अवकाश को लेकर भी असमंजस की स्थिति बन गई है। हालांकि स्कूलों का खुलना अभी तय नहीं हो पाया है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग ने पहली बार परीक्षा पैटर्न में भी कुछ बदलाव किए हैं। इसके तहत 9वीं से 12वीं कक्षा तक वार्षिक परीक्षा के 80 फीसदी अंक लिखित परीक्षा के लिए निर्धारित किए गए हैं। वहीं 20 प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के अंक होमवर्क बुक में किए गए कार्य के आधार पर मिलेंगे। स्टूडेंट्स को होमवर्क बुक को परीक्षा से पूर्व अपनी स्कूल में जमा करवाना होगा। इधर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी बोर्ड कक्षाओं के पाठ्यक्रम को संक्षिप्त किया है। इसलिए परीक्षाएं इसी संशोधित पाठ्यक्रम के आधार पर होंगी। इस बार बोर्ड परीक्षाओं के एग्जाम पेपर में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न भी शामिल किए जाएंगे। अति लघुत्तरात्मक, लघुत्तरात्मक और निबंधात्मक प्रश्नों में आंतरिक चयन का विकल्प दिया जाएगा। इस बार निबंधात्मक प्रश्नों की संख्या कम होगी। स्टूडेंट्स को परीक्षा की तैयारी के लिए पैटर्न के मुताबिक मॉडल प्रश्न पत्र 15 जनवरी के बाद उपलब्ध कराए जाएंगे। क्रिसमस के बाद से सर्दी के अवकाश शुरू होते हैं। हालांकि बच्चों की 31 दिसंबर तक छुट्टियां ही हैं, लेकिन शिक्षकों को स्माइल प्रोग्राम के तहत स्कूल आना पड़ रहा है। इस बारे में राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के संभाग संयोजक भंवरलाल काला व राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष तुलसीराम सोनी का कहना है कि जब स्कूलों में बच्चे नहीं आ रहे हैं तो सरकार को शिक्षकों के अवकाश की ओर भी ध्यान देना चाहिए।