पोकरण सांकड़ा क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती के खिलाफ किसानों का धरना सप्ताह भर से जारी
धरने में पहुंचे कांग्रेस प्रदेश महासचिव एवं लोकसभा प्रत्याशी करण सिंह उचियारड़ा
पोकरण(दूरदृष्टीन्यूज),पोकरण सांकड़ा क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती के खिलाफ किसानों का धरना सप्ताह भर से जारी।सांकड़ा क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से जारी अघोषित बिजली कटौती और अनियमित विद्युत आपूर्ति के खिलाफ ग्रामीणों का धरना-प्रदर्शन अब व्यापक रूप लेता जा रहा है। किसानों की समस्याओं को गहराई से समझने और उनके संघर्ष को समर्थन देने के लिए कांग्रेस प्रदेश महासचिव एवं जोधपुर लोकसभा प्रत्याशी करण सिंह उचियारड़ा सोमवार को धरना स्थल पहुँचे।
उचियारड़ा ने मौके पर ग्रामीणों से विस्तृत बातचीत की और उनकी समस्याओं की गंभीरता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह बेहद विडंबना पूर्ण है कि जिस क्षेत्र की भूमि पर सौरऊर्जा की परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश में रिकॉर्ड बिजली उत्पादन हो रहा है,वहीं के किसानों को अपनी ही खेतों की सिंचाई के लिए बिजली के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। विद्यार्थियों के अर्धवार्षिक परीक्षा की तैयारियों में व्यवधान आ रहा हैं।
इस अवसर पर उचियारड़ा ने कहा “पोकरण-सांकड़ा की धरती प्रदेश के सौर ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख केंद्र है,लेकिन किसान आज भी घंटों की अघोषित बिजली कटौती,लोवोल्टेज और अनियमित सप्लाई से परेशान हैं। यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं, बल्कि किसानों के साथ घोर अन्याय है।
उन्होंने कहा कि अनियमित बिजली आपूर्ति ने रबी सीजन की तैयारियों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। बिना सूचना बिजली बंद होने से कुओं और ट्यूबवेलों पर सिंचाई कार्य बाधित हो रहा है,जिससे फसलें प्रभावित हो रही हैं और किसान परिवार आर्थिक संकट में हैं।
ग्रामीणों ने उचियारड़ा को बताया कि पिछले एक सप्ताह से लगातार धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से ठोस समाधान सामने नहीं आया है। किसानों ने यह भी स्पष्ट किया कि समस्या का समाधान होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
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कांग्रेस महासचिव उचियारड़ा ने किसानों को पूर्ण समर्थन देते हुए आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाएँगे और क्षेत्र के किसानों को नियमित एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होने तक संघर्ष जारी रखेंगे।उन्होंने कहा
किसानों की लड़ाई हमारी सामूहिक लड़ाई है। जिस क्षेत्र से ऊर्जा पूरे प्रदेश को मिलती है,वहाँ के किसान अंधेरे में रहें,यह स्वीकार नहीं किया जा सकता।
