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सवारी को छोड़ने गए ऑटो चालक से होमगार्ड और उसके साथियों ने की बेरहमी से मारपीट

  • मूत्र पिलाने का प्रयास
  • जान की धमकी
  • पुलिस केस दर्ज करने में करती रही आनाकानी

जोधपुर(दूरदृष्टीन्यूज),सवारी को छोड़ने गए ऑटो चालक से होमगार्ड और उसके साथियों ने की बेरहमी से मारपीट। शहर के महामंदिर एरिया में रहने वाले एक ऑटो चालक के साथ में शिकारगढ़ मिनी मार्केट में बुरी तरह से मारपीट की गई। वह 27 अक्टूबर की रात में सवारी को छोडऩे गया था। जहां पर सवारी से कुछ बोलचाल के बाद वहां पर तैनात एक होमगार्ड कर्मी ने पंच पंचायती करते हुए वापसी में ऑटो चालक के साथ बेरहमी से मारपीट करवाई और जान की धमकी दे डाली। उसे मूत्र भी पिलाने का प्रयास किया गया।

पीडि़त जब एयरपोर्ट थाने पहुंचा तो केस दर्ज करने में भी आनाकानी की गई। पीडि़त ने खुद का एमडीएम अस्पताल में मेडिकल करवाया। अब एयरपोर्ट थाना पुलिस ने केस दर्ज कर पड़ताल आरंभ की है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

दरअसल भोपालगढ़ के खारिया खंगार हाल महामंदिर में रहने वाले सुनील प्रजापत पुत्र राम गोपाल प्रजापत के साथ यह घटना हुई। रिपोर्ट के अनुसार वह 27 अक्टूबर की रात दो बजे के आस पास रेलवे स्टेशन से सवारी लेकर शिकारगढ़ मिनी मार्केट गया था। जहां पर सवारी को उतारने लगा तो सवारी ने कहा कि वह उसे 1-2 किलोमीटर आगे तक छोड़ दो। इस पर सुनील प्रजापत ने कहा कि आपको यहीं तक छोडऩे की बात हुई थी। इतनी रात में कैसे छोड़ सकता हूं। इस बीच वहां ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड कर्मी रघुनाथ सिंह आ गया और गाली-गलौच करते हुए बोला सब टैक्सी वाले हरामखोर नीच होते हैं। तुम्हारी तो अच्छे से पिटाई करनी चाहिए। साथ ही गालियां भी देने लगा। वह डराने धमकाने के साथ पुलिस की गाड़ी बुलाने को कहा।

इस पर पीडि़त सुनील चुपचाप सवारी को लेकर चला गया। जब वह वापिस उसी मार्ग से निकला तब हॉमगार्ड रघुनाथ ने किसी दो जनों को बुला रखा था जो मोटर साईकिल लेकर आए थे और उनके पास डन्डे भी थे और जिन्होंने रुकवाया और टैक्सी की चाबी निकाल ली और यह कहते हुए मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी कि तुने हमारे भाई साहब के सामने कैसे बोला और लकड़ी से मारपीट करना शुरू हो गए। जब तक वहां पर एक सफेद कलर की स्कॉर्पियो आई और उसमे तीन लोग सवार थे। गाडी रुकते ही हॉमगार्ड वाले ने स्कॉर्पियो वालो को बोला कि यही टैक्सी वाला है। तब वो नीचे उतर कर एक ने कहा कि मेरे मामा के सामने कैसे बोला यह कहते हुए उन्होंने भी मारपीट शुरू कर दी।

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मारते-मारते जब लकडी टूट गई तो हॉमगार्ड रघुनाथ सिंह ने अपना डन्डा मारने के लिये दिया और लगभग 40-45 मिनट तक मुझे इसी तरह गाली-गलौच करते हुए मारते रहे। मेरा पर्स चैक किया और 2-3 दिन की कमाई के 2-3 हजार रुपये थे वो भी ले लिए। मेरी आईडी कार्ड देख कर जाति-सूचक गालियां बोली। कपड़े उतारने और मूत्र पिलाने की कोशिश की। होमगार्ड ने धमकाया कि यह पुलिस में केस दर्ज कराया तो राजकार्य में बाधा का केस दर्ज करवा दूंगा।

पीडि़त ने अपने एक मित्र को कॉल कर बुलाया और एमडीएम अस्पताल एवं एयरपोर्ट थाने गया। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बजाए उसे कई घंटों तक थाने में बिठाए रखा और राजीनामा का दबाव बनाया।