न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी को आदेश:दावा राशि सहित 2.5 करोड़ अदा करें

जोधपुर(डीडीन्यूज),न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी को आदेश:दावा राशि सहित 2.5 करोड़ अदा करें।औद्योगिक न्यायाधिकरण एवं श्रम न्यायालय पदेन मोटरयान दावा अधिकरण जोधपुर महानगर के न्यायाधीश देवेंद्र सिंह नागर ने मोटर दुर्घटना दावा मंजूर करते हुए बीमा कंपनी की आपत्ति को दरकिनार कर महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है कि मोटर दुर्घटना अवार्ड राशि में से समूह दुर्घटना बीमा पॉलिसी से प्राप्त दावा राशि 70 लाख 140 रुपए की कटौती पृथक अनुबंध होने से नहीं की जा सकती है क्योंकि मोटर दुर्घटना से राशि प्राप्त करना दावेदार का वैधानिक अधिकार है। उन्होंने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया कि दावेदार को तीस दिन में ब्याज सहित अवार्ड राशि दो करोड़ 5 लाख रुपए अदा करें।

जोधपुर रहवासी ललिता भंडारी ने अधिवक्ता अनिल भंडारी के माध्यम से दावा पेश कर कहा कि उनके 24 वर्षीय युवा पुत्र सिद्धार्थ की 20 फरवरी 2015 को मुंबई में हुई मोटर दुर्घटना में मृत्यु हो गई। मृतक ने आइआइटी मुंबई से वर्ष 2013 में बीटेक और एमटेक करने के बाद हाउसिंग डॉट कॉम में प्रॉडक्ट मैनेजर पद पर जनवरी 2014 में नौकरी प्रारंभ की और दिसंबर 2014 में ही पदोन्नत कर मृतक को वरिष्ठ प्रबंधक बना दिया गया और उनका वार्षिक वेतन 13 लाख रुपए था। नियोक्ता ने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी से समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कराया हुआ था,जिसके तहत दावेदार को 70 लाख 140 रुपए का भुगतान किया गया।

अधिवक्ता भंडारी ने बहस करते हुए कहा कि मृतक की बहन हिना और मृतक के साथ कार्यरत अधिकारी कमलेश मोहपाल ने बयान दिया है कि समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का प्रीमियम मृतक ने नियोक्ता को अदा किया था और यह संविदा पृथक से की हुई है सो अवॉर्ड राशि में से कटौती नहीं की जा सकती है। बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि भले ही अलग संविदा हो,लेकिन इसी दुर्घटना में मृत्यु होने से अवॉर्ड राशि में से कटौती की जाए। दावा अधिकरण ने दावा मंजूर करते हुए कहा कि दुर्घटनाग्रस्त कार का बीमा और समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा एक ही कंपनी से होने के बावजूद समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा से राशि प्राप्त करने का अधिकार उसके द्वारा किए गए अनुबंध का परिणाम है,जबकि बीमित कार से हुई दुर्घटना में मृत्यु से मुआवजा प्राप्त करना दावेदार का वैधानिक अधिकार है और इससे उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा राशि 70 लाख 140 रुपए को मोटर दुर्घटना दावे में से कटौती अथवा समायोजित किया जाना उचित व विधिसम्मत नहीं है और बीमा कंपनी की आपत्ति रद्द की जाती है। उन्होंने अवॉर्ड पारित करते हुए बीमा कंपनी को निर्देश दिया कि दावेदार को मुआवजा राशि 1 करोड़ 41 लाख 10 हजार 800 रुपए मय 6 फीसदी ब्याज 23 फरवरी 2018 से निर्णय तक और निर्णय की तिथि से 9 फीसदी ब्याज जो कि 64 लाख 68 हजार 642 रूपए हो जाता है,तीस दिन में अदा करें।