जोधपुर वासियों को जल्दी मिलेगी नए एयरपोर्ट टर्मिनल की सौगात- शेखावत
- केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने किया निर्माणाधीन टर्मिनल बिल्डिंग का अवलोकन
- एयरपोर्ट विस्तार के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया
- एयरपोर्ट को एक महीने के नोटिस में डोमेस्टिक से इंटरनेशनल में कन्वर्ट किया जा सकेगा
जोधपुर(डीडीन्यूज),जोधपुर वासियों को जल्दी मिलेगी नए एयरपोर्ट टर्मिनल की सौगात- शेखावत।केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को जोधपुर एयरपोर्ट पर निर्माणाधीन नई टर्मिनल बिल्डिंग का अवलोकन किया।उन्होंने निर्माण कार्यों की प्रगति पर संतोष जताते हुए कहा कि एयरपोर्ट विस्तार को लेकर जोधपुर वासियों का तीन दशक का सपना पूरा होने जा रहा है। दिवाली पर नए टर्मिनल की सौगात जोधपुरवासियों को मिलेगी। जोधपुर देश के सभी बड़े शहरों से कनेक्ट होगा।
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निर्माणाधीन नई टर्मिनल बिल्डिंग में मीडिया से रूबरू होते हुए शेखावत ने कहा कि जोधपुर मरुस्थल का गेट-वे है,उस दृष्टिकोण से भी जोधपुर एयरपोर्ट के विस्तार की अनेक वर्षों से प्रतीक्षा थी। जोधपुर एयरपोर्ट के विस्तार में दो तरह की बाधाएं थीं। एक एयर पोर्ट पर भूमि की कमी थी,क्योंकि इसका अधिकांश भाग इंडियन एयरफोर्स के पास है। दूसरा जोधपुर एयरपोर्ट पर ऑटोमेटिक लैंडिंग की फैसिलिटी नहीं थी। इसके कारण नाइट लैंडिंग नहीं हो पाती। 10 साल के लगातार प्रयासों के बाद ये बाधाएं दूर हुई हैं।
उन्होंने जोधपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मोदी के विकसित भारत बनाने के संकल्प ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को फ्यूचर रेडी बनाने का काम किया है। जोधपुर राजस्थान का दूसरा बड़ा शहर है। भविष्य में जब कभी आवश्यकता होगी,एक महीने के शॉर्ट नोटिस पर जोधपुर एयरपोर्ट को डोमेस्टिक से इंटरनेशनल में कन्वर्ट किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट विस्तार का लाभ जोधपुर के हैंडीक्रॉफ्ट, स्टील, टेक्सटाइल,केमिकल,स्टोन, इंजीनियरिंग इंड्रस्टीज आदि को मिलेगा। जोधपुर न केवल सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है,बल्कि सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस टर्मिनल के निर्माण से क्षेत्रीय विकास को नया आयाम मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
स्व. मनोहर पर्रिकर को किया याद
पूर्व रक्षामंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर को याद करते हुए शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर जब मैं पूर्व रक्षामंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर के पास इस विषय को लेकर गया तब उन्होंने तत्काल समस्या का समाधान कराया। उनके प्रयासों से राज्य सरकार,नगर निगम,एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एयर फोर्स के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए। एयरपोर्ट के लिए आवश्यक 37 एकड़ जमीन मिली।
पुराने एयरपोर्ट पर स्थानाभाव में लंबे समय एयरक्राफ्ट को रनवे पर खड़े रहना पड़ता है। पर्रिकर ने इस दर्द को समझते हुए लैंड एक्सचेंज की टेक्निकल फॉर्मेलिटी से पहले ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अपना काम शुरू करने की अनुमति दिलाई।
शेखावत ने तत्कालीन सिविल एलिवेशन मंत्री अशोक गजपति राजू को भी धन्यवाद दिया, जिनके प्रयासों से जोधपुर में ऑटोमेटिक लैंडिंग सिस्टम की सुविधा मिली। उन्होंने कहा कि नए टर्मिनल की डिजाइन को जोधपुर की पहचान छीतर पत्थर से तैयार किया जा रहा है, जिससे इसकी भव्यता और स्थानीयता दोनों बरकरार रहेगी।
480 करोड़ से बना नया टर्मिनल
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जोधपुर एयरपोर्ट पर 480 करोड़ रुपए का निर्माण हो रहा है। मल्टीलेवल पार्किंग,जो अभी उत्तर भारत में केवल मुंबई और दिल्ली में है,यहां भी बन रही है। अभी जोधपुर एयरपोर्ट में मात्र 200 पैसेंजर की क्षमता है,जो अब 2000 पैसेंजर की होने वाली है।
एयरपोर्ट की बिल्डिंग अभी 3900 स्क्वायर मीटर की है, जो छह गुना बढ़कर 24 हजार स्क्वायर मीटर होने जा रही है। इंजीनियर्स के मुताबिक नई बिल्डिंग में 20 साल का प्रोविजन किया गया, लेकिन जिस तरह से देश में विस्तार हो रहा है और अर्थव्यवस्था बढ़ रही है,10 साल तक यह बिल्डिंग आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
हवाई चप्पल वाले हवाई जहाज में बैठ रहे
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एविएशन सेक्टर में एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है। अभी भारत में 480 एयरक्राफ्ट फंक्शनल हैं, जिसकी संख्या अगले तीन साल में 1480 होने वाली है। प्रधानमंत्री ने 10 साल पहले कहा था कि हवाई चप्पल पहनने वाला देश में हवाई जहाज में घूमेगा,वह अब साकार होता दिख रहा है।
अवलोकन के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष राजेंद्र कुमार पालीवाल हवाई अड्डा सलाहकार समिति के सदस्य उपेन्द्र दवे,नरेन्द्र कच्छवाहा,प्रकाश जीरावाला,अशेक माथुर,जगत सिंह राठौड़, किशोर सिंह सोलंकी,एयरपोर्ट डायरेक्टर मनोज कुमार उनियाल, प्रोजेक्ट इंचार्ज राजीव गुप्ता,जेडीए आयुक्त उत्साह चौधरी,नगर निगम आयुक्त सिद्धार्थ सहित अनेक पदाधिकारी जनप्रतिनिधि साथ थे।
ये मिलेंगी सुविधाएं
- पैसेंजर्स के सामान के लिए कन्वेयर बेल्ट की संख्या एक से बढ़ाकर तीन की गई।
- नए बिल्डिंग में छह एरो ब्रिज की सुविधा,पैसेंजर सीधा जहाज में जा सकेंगे।
- आने और जाने के लिए एस्केलेटर और लिफ्ट की सुविधा
- पहले चरण में 300 कारों की पार्किंग,अभी 60 ही खड़ी हो सकती हैं।
- 12 एयरक्राफ्ट एकसाथ खड़े हो सकेंगे।
- पुराने टर्मिनल को भी हज यात्रा या ऐसे अन्य विशेष अवसरों पर उपयोग में लिया जा सकेगा।
- नाइट लैंडिंग सिस्टम लगाया जा रहा है,जिससे अब रात में भी विमान उतर सकेंगे।
- ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण अनुकूल डिजाइन पर विशेष ध्यान।
जोधपुर एयरपोर्ट का इतिहास
जोधपुर एयरपोर्ट की स्थापना 1930 के दशक में जोधपुर के तत्कालीन महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा की गई थी। यह एयरपोर्ट ब्रिटिश रॉयल एयरफोर्स के उपयोग में भी रहा है। स्वतंत्रता के बाद इस एयरपोर्ट को भारतीय वायुसेना के अधीन कर दिया गया। जोधपुर एयरबेस आज भी भारतीय वायुसेना की एक अहम सामरिक इकाई है। 1950 के दशक में यहां से सिविल उड़ानों की शुरुआत हुई। यह एयरपोर्ट देश के सबसे पुराने और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हवाई अड्डों में शामिल है।
कार्य आरंभ-नवंबर 2022
अनुमानित पूर्णता– दिसंबर 2025
परियोजना का उद्देश्य– पर्यटन,रक्षा और व्यापार की जरूरतों को पूरा करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानकों वाला टर्मिनल विकसित करना।
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