केयरगिवर्स आशा सोसाइटी के केयरआशा एप का लोकार्पण

जोधपुर(डीडीन्यूज),केयरगिवर्स आशा सोसाइटी के केयरआशा एप का लोकार्पण। वृद्धावस्था एक आवश्यक स्थिति है जो हम सबके जीवन में आएगी। वर्तमान परिदृश्य में बच्चे घर से बाहर नौकरी अथवा व्यवसाय के लिए जाते ही हैं,ऐसी परिस्थिति में वे अपने माता-पिता की सेवा चाह कर भी नहीं कर पाते हैं। माता-पिता और गुरु की सेवा से बढ़ कर और कोई धर्म नहीं है। यह बात रविवार को राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर ने कही। वे रविवार को केयरगिवर्स आशा सोसाइटी के केयरआशा एप के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह ऐप देखभाल कर्ता और देखभाल प्राप्त कर्ता दोनों के लिए ही बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।

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इस अवसर पर न्यायाधीश एचआर पँवार,जस्टिस जीके व्यास, न्यायाधीश विनीत कोठारी,राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की कुलपति हरप्रीत कौर,सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी के कुलपति आलोक त्रिपाठी,मारवाड़ मेडिकल विश्विद्यालय के कुलपति डॉ एमके आसेरी,बीएसएफ के आईजी एमअल गर्ग,एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ बीएस जोधा भी विशिष्ठ अथिति के रूप समारोह में उपस्थिति थे।

इस अवसर पर निस्वार्थ भाव से परिवार देखभाल कर्ता के रूप में कार्य कर रहे केयरगिवर्स और केयर लीडर्स का स्मृतिचिह्न और प्रमाण पत्र देकर सम्मान किया गया। सोसाइटी द्वारा डॉ विवेक भारद्वाज को उनकी अप्रतिम चिकित्सा सेवा और संगीत और कला के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मे सहयोग करने वालों का भी सम्मान किया गया।

प्रारंभ में सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ अरविन्द माथुर और सदस्यों ने अथितियों का स्वागत किया। सोसाइटी के सचिव डॉ प्रियदर्शी पाटनी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रसिद्ध गायिका संजीवनी भेलान्डे एवं विकास माथुर ने सुरों की शाम सजाई, फिल्मी गीतों से समां बांध दिया। सुबह चिकित्सकों की गायन प्रतियोगिता “द वोकल कॉर्ड” का सेमी इफाइनल आयोजित किया गया जिसमें 40 प्रतिभागी थे। शाम को फाइनल का आयोजन किया गया और 4 वर्गों में पृथक-पृथक विजेताओं को संजीवनी द्वारा पुरस्कृत किया गया।