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राजस्थान को 9532 करोड़ का बजट आवंटित

  • रेल बजट 2023-24
  • उत्तर पश्चिम रेलवे को गत वर्ष की तुलना में 28.44 प्रतिशत अधिक का प्रावधान
  • संरक्षा तथा यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित

जोधपुर,1 फरवरी को प्रस्तुत केंद्रीय बजट में भारतीय रेलवे के लिए किये गये प्रावधानों को आज रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने वर्चुअल माध्यम से बताया कि रेलवे को 2.40 लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है जो अभी तक का सर्वाधिक है तथा वर्ष 2013-14 के बजट से 9 गुना अधिक है। वैष्णव ने बताया कि रेलवे ने यह कार्ययोजना बनाई है कि अभी प्रतिवर्ष 4500 किलोमीटर नई रेल लाइन,आमान परिवर्तन व दोहरीकरण का कार्य किया जा रहा है जिसे बढ़ाकर 7000 किलोमीटर प्रतिवर्ष किया जायेगा।

रेलवे लाइनों के दोनों ओर बसे गांवों व शहरों को जोड़ने के लिये इस वर्ष 1000 फ्लाईओवर/फुट ओवर ब्रिज/सब-वे का निमार्ण किया जायेगा तथा इन्हें इस प्रकार डिजायन किया जायेगा कि इनमें बारिश के दिनों में पानी नहीं भरे। इसके अतिरिक्त फ्लाई ओवर के साथ फुट ओवर ब्रिज का निर्माण भी किया जायेगा जिससे आमजन को लम्बा चक्कर नहीं लगाना पड़े। स्टेशनों के विकास पर कहा कि देश भर में 1275 स्टेशनों को विकसित करने की कार्ययोजना बनाई गई है तथा 48 स्टेशनों पर पुनर्विकास का कार्य प्रारम्भ हो गया है। इन स्टेशनों की डिजायन विरासत और विकास को ध्यान में रखकर किया जायेगा।

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स्टेशनों पर दिन-प्रतिदिन की आवश्यकताओं की वस्तुओं को ध्यान में रखते हुये 2000 स्टेशनों पर जन सुविधा केन्द्र खोले जायेगे। उन्होंने बताया कि टिकट और पूछताछ सम्बंधी समस्याओं के निवारण हेतु सिस्टम अपग्रेड किया जायेगा जिसके तहत वर्तमान में 25 हजार टिकट प्रति मिनट की क्षमता को 10 गुना बढ़ाकर 2 लाख 25 हजार तथा 4 लाख प्रति मिनट इन्क्वायरी की क्षमता को 40 लाख प्रति मिनट किया जायेगा। इसके साथ ही अश्विनी वैष्णव ने एक स्टेशन-एक उत्पाद और कम दूरी के लिये वन्दे मेट्रो ट्रेनों तथा हाइड्रोजन ट्रेन के बारे में भी जानकारी प्रदान की।

रेलमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान में अभी तक का रिकार्ड बजट 9532 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो वर्ष 2009-14 के प्रतिवर्ष औसत 682 करोड़ की तुलना में लगभग 14 गुना अधिक है। इस बजट के आवंटन से राजस्थान में रेल विकास को तीव्र गति मिलेगी और रेलवे यात्रियों को अधिकाधिक सुविधाएं प्रदान करने में सफल होगी। बजट में उत्तर पश्चिम रेलवे को प्राथमिकता के साथ गत वर्ष की तुलना में अधिक बजट का आवंटन किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे को वर्ष 2023-24 के बजट में 8636.85 करोड़ आवंटित किया गया है जो कि गत वर्ष के 6724.29 करोड की तुलना में 28.44 प्रतिशत अधिक है।

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उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक विजय शर्मा ने बजट पर आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि इस वर्ष बजट में रेलवे का आधारभूत ढ़ांचे को मजबूत बनाने,रेल संरक्षा तथा यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है। संरक्षा के लिये इस वर्ष बजट में 1156 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। संरक्षा के अहम मद ट्रेक नवीनीकरण के लिये भी 520 करोड,रेलवे समपारों पर रोड ओवर ब्रिज तथा रोड अण्डर ब्रिज (ROBs/RUBs) के लिये 454 करोड रुपये एवं टक्कररोधी प्रणाली ‘कवच’ के लिये 150 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त सिगनल व दूरसंचार से सम्बंधित कार्यों के लिये 464 करोड एवं समपार फाटकों पर संरक्षा कार्यों हेतु 31 करोड रुपये का आवंटन किया गया है।

इसी प्रकार यात्री सुविधाओं के मद पर उत्तर पश्चिम रेलवे को इस वर्ष 923 करोड रुपये का आवंटन किया गया है। इस मद में स्टेशनों के पुनर्विकास पर 550 करोड़ रुपये प्रदान किये गये है। इस मद में स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर,प्लेटफार्म का उन्नयन, स्टेशनों पर प्रकाश व्यवस्था,कोच गाइडेंस बोर्ड,कम्प्यूटर आधारित उद्घोशणा प्रणाली इत्यादि के कार्य किये जायेंगे। अधिक बजट आवंटन से यात्री सुविधाओं के लिये किये जा रहे कार्यों को गति प्राप्त होगी तथा इस मद में नये कार्यों को भी सम्मलित किया जा सकेगा।

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विजय शर्मा के अनुसार आधारभूत अवसंरचना (infrastructure) को सुदृढ़ करने के लिये जिनमें नई लाइने,आमान परिवर्तन के कार्य जो प्रगति पर हैं उनके लिये भी पर्याप्त बजट का प्रावधान किया गया है ताकि इनकों गति प्रदान की जा सके। बजट में नई लाइनों के लिये 862 करोड, आमान परिवर्तन के लिये 133 करोड तथा दोहरीकरण के लिये 340 करोड रुपये के बजट का आवंटन किया गया है।

शर्मा ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे पर अभी तक 3531 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष रहे रेलमार्ग का विद्युतीकरण 2023-24 में कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि बजट में रोलिंग स्टाक के अनुरक्षण के लिये जयपुर डिपो के लिये 30 करोड़ व खातीपुरा में 204 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। वन्दे भारत ट्रेनों के अनुरक्षण के लिये जयपुर, श्रीगंगानगर,उदयपुर और मदार में अनुरक्षण सुविधाएं विकसित की जा रही है। उन्होंने ने बताया कि यातायात सुविधाओं के लिये 130 करोड, ब्रिज कार्यों के लिये 34 करोड, रोलिंग स्टाॅक के लिये 21 करोड, कर्मचारी कल्याण के लिये 13 करोड रुपये का बजट आवंटन किया गया है।

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वर्तमान में प्रगति पर कार्यों के लिये बजट आवंटन

नई लाइन

1-तारंगाहिल-आबूरोड़ वाया अंबाजी (89.39 किमी) 480 करोड़

2-दौसा-गंगापुरसिटी(92.67किमी) 56 करोड

3-गुढ़ा-ठठाना मीठडी परीक्षण ट्रैक प्रथम फेज (25 किमी)80 करोड

4-परीक्षण ट्रैक प्रथम फेज (37.5 किमी) 150 करोड

5-नीमच-बड़ी सादड़ी (48.30 किमी) 150 करोड

6-पुष्कर-मेड़ता (59 किमी) 10.05 करोड

दोहरीकरण

1-फुलेरा-डेगाना (108.75 किमी) 265.88 करोड

2-डेगाना-राई का बाग (145 किमी) 53 करोड

3-सवाई माधोपुर बाइपास (13.54 किमी) 5 करोड

आमान परिवर्तन

1-मारवाड़-मावली (देवगढ़-नाथद्वारा) (108.75 किमी) 20.05 करोड

विद्युतीकरण

विभिन्न रेलखंडों का विद्युतीकरण 1217 करोड़।

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