29 वां ओमशिवपुरी नाट्य समारोह प्रारम्भ

  • विभाजन की त्रासदी के बीच मानवीय संवेदनाओं को उकेरता नाटक
  • जिस लाहौर नइ देख्या ओ जम्याइ नइ

जोधपुर,भारत पाक विभाजन की त्रासदी के बीच मानवीय संवेदनाओं को दर्शाता असगर वजाहत लिखित प्रसिद्ध नाटक “जिस लाहौर नइ देख्या ओ जम्याइ नइ” के अभिभूत करने वाले मंचन से राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के 29 वें ओमशिवपुरी नाट्य समारोह का आगाज़ शनिवार को टाउन हॉल में हुआ। समारोह का विधिवत उद्घाटन ओमशिवपुरी की तस्वीर पर पुष्प अर्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर राज्य के वरिष्ठ नाट्यविद व अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा ने किया। अकादमी सचिव ने मुख्य अतिथि व नाटक के निर्देशक को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।

विभाजन की रेखाओं व पीड़ा के बीच एक परिवार लखनऊ से लाहौर जाता है। शरणार्थी शिविर में रहने के बाद उसे वहां भारत गए व्यक्ति का एक बड़ा मकान एलॉट होता है लेकिन जब वो घर मे पहुंचता हैं तो देखता है कि एक बूढ़ी उस मकान में रह गई है। उन्हें लगता है कि जब तक ये रहेगी मकान हमारा नहीं हो सकता। वो बूढ़ी औरत भी चाहती है कि ये लोग चले जाएं और उसके पुश्तेनी मकान पर काबिज न हों। नाटक एक संघर्ष की स्थिति से शुरू होता है लेकिन ये बूढ़ी औरत स्वभाव से बड़ी मददगार है और धीरे-धीरे दोनों के बीच संवेदना का एक रिश्ता बनने लगता है।
जब शहर के कट्टरवादी मुसलमानों को पता चलता है कि एक हिन्दू बुढ़िया यहीं रह गई है तो उनकी कोशिश होती है कि उसे पाकिस्तान से निकाला जाए नहीं तो पाकिस्तान में कुफ़ फैल जायेगा लेकिन वही परिवार उस बुढ़िया को बचाता है। बाद में जब वो मरती है तो सवाल उठता है कि इसका क्रिया कर्म कैसे किया जाए। स्थानीय मौलवी की राय पर उसका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से रावी नदी के किनारे किया जाता है। इसकी प्रतिक्रिया में शहर के कट्टरवादी मुसलमान मौलवी की हत्या कर देते हैं।

अशोक जोशी निर्देशित ऊर्जा थिएटर बीकानेर की प्रस्तुति में अविनाश जोशी, पूजा,भारती,यशराज,पलक गहलोत,मोहित मारु,रवि शर्मा, अविनाश बिस्सा,मोहित गज्जाणी,पृथ्वी सिंह,वरुण,आकाश जोशी ने प्रभावी अभिनय किया। सुरेश पूनियां की प्रकाश परिकल्पना, रामसिंह शेखावत की मंच सज्जा, रूपसिंह की रूपसज्जा व अशोक जोशी का संगीत एवं गायन नाटक को प्रभावी करने में महत्वपूर्ण रहे। नाट्य प्रभारी अरुण पुरोहित ने बताया कि रविवार को जयपुर के गगन मिश्रा निर्देशित नाटक त्रियात्रा का मंचन होगा।

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