- ग्रामीण सीएचसी को तीन महीने में करेंगे अपग्रेड
- दानदाताओं के सहयोग से जुटाई जाएगी धनराशि
- बेड से लेकर ऑक्सीजन तक की होगी सुविधा
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से जहां बीमार- वहीं उपचार वाली सुविधा उपलब्ध होगी
जोधपुर, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को अपग्रेड करने का बीड़ा उठाया है। शेखावत ने कहा कि 30 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को 15 करोड़ रुपए खर्च करके अगले तीन महीनों में अपग्रेड किया जाएगा, जहां 10-15 बेड, ऑक्सीजन, ईसीजी मशीन, डिजिटल एक्स-रे,जनरेटर,एयर कंडीशनर, सीवीसी मशीन,ब्लड टेस्ट आदि की सुविधा होगी। 5-7 सीएचसी के बीच में एक स्थान ऐसा होगा,जहां ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफलिंग की भी सुविधा होगी, ताकि जोधपुर आने की जरूरत न पड़े। उन्होंने कहा कि सीएचसी का अपग्रेडेशन दानदाताओं के सहयोग किया जाएगा। इस विषय को लेकर हमारी राज्य सरकार से भी चर्चा हुई है।
जोधपुर प्रवास के दौरान रविवार को यहां मीडिया से रू-ब-रू होते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पिछले दिनों जब एक-एक बेड और ऑक्सीजन के लिए लोग परेशान हो रहे थे, तब मैंने प्रशासन से आग्रह किया था कि हम 400-500 बेड का अस्पताल खड़ा कर सकते हैं। यह हम सरकार पर बोझ डाले बिना व्यक्तिगत स्तर पर दानदाताओं के सहयोग से करेंगे।
ये भी पढ़े :- जोधपुर में 22 नए डॉक्टरों का पदस्थापन
प्रशासन निर्णय नहीं कर पाया, लेकिन स्थिति की भयावता को देखते हुए हमने 120 बेड का अटल कम्युनिटी कोविड केयर रिलीफ सेंटर केवल 7 दिन में तैयार किया। जो एम्स के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इसे तैयार करने में जोधपुर नगर निगम दक्षिण, समजसेवियों, भामाशाह और भाजपा कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही।
शेखावत ने कहा कि एक बात और स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि भीलवाड़ा मॉडल और बड़े-बड़े मॉडलों की जो बात कर रहे थे, इस बार सब खो गए हैं, लेकिन गांव में सीएचसी की बात करूं तो यहां के इन्फ्राट्रक्चर को देखता हूं तो मुझे डर लगता है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से ‘जहां बीमार-वहीं उपचार’ वाली सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। अगर राज्य सरकार यह नहीं कर सकी तो केंद्र सरकार जरूर करेगी।
ब्लैक फंगस महामारी पर उन्होंने कहा कि जहां सालभर में पहले इसके 100 केस आते थे, वहां अचानक 10 हजार केस आने से एक बार फिर चुनौती बढ़ी है। मरीजों के बढ़ने के कारण इसके टीके की मांग बढ़ गई है। हमने अमेरिका में कंपनी के मालिक समेत हर जगह बात की है। उन्होंने कि हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि जो बच्चे अनाथ हो गए हैं, जो बहनें विधवा हो गई हैं और जिनके घर में कोई भी काम करने वाला नहीं बचा है, उनके सहयोग के लिए कोई ना कोई तंत्र बनाया जाए।
उन्होंने आपदा के दौरान दवाओं की कालाबाजारी करने और मरीजों को लूटने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि निश्चित ही ऐसे लोगों को कानून के दायरे में दंड देना चाहिए। सरकार दंड दे या ना दे, लेकिन मैं यह मानता हूं कि ईश्वर उनके किए का दंड जरूर देगा।
केंद्रीय मंत्री ने संकट के समय में जनसेवा के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं, जोधपुर नगर निगम दक्षिण का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का निरंतर सहयोग मिल रहा है।
मौतों की हकीकत सामने आए
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जिस दिन जोधपुर जिले के प्रशासनिक और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठकर समीक्षा की थी, उस दौरान मृत्यु के आंकड़े सामने आए थे। घर में इलाज के अभाव में कोरोना के कारण लोग मर गए। उन्हें सरकार स्वीकार नहीं कर रही है। जोधपुर के जो श्मशान घाट हैं, वहां के आंकड़े उठाकर देख लीजिए। नगर निगम मेयर से आग्रह करूंगा कि इस तरह के आंकड़े निकलवाने चाहिए कि कौन-कौन से श्मशान घाट में दाह संस्कार हुए हैं। फिर उस आंकड़े को सरकारी आंकड़े के साथ मिलाकर देख लीजिएगा, हकीकत सामने आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि मैंने जिलाधिकारी और पंचायत समिति के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 1 अप्रैल से लेकर अब तक जितने लोगों की भी मृत्यु हुई है, उन सबकी लिस्ट बना लीजिए, जिनकी कोविड से मृत्यु हुई है, उन्हें कोविड मार्क करें, जिनके लक्षण थे, उनको अलग मार्क किया जाए और जिनकी सामान्य मृत्यु हुई है, उनको अलग मार्क किया जाए। हकीकत सामने आ जाएगी।
पहली बार दुनिया के साथ हमने बनाई वैक्सीन
शेखावत ने कहा कि पिछली सदी में पांच आपदाएं आईं। पांचों बार जो वैक्सीन बनी, वो कम से 17 साल और ज्यादा से ज्यादा 86 साल में भारत में बनी, लेकिन हमें गर्व होना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ये पहली बार है कि दुनिया ने जब वैक्सीन बनाई, उसी समय में भारत ने भी वैक्सीन बनाई। हालांकि, वैक्सीन को लेकर तमाम तरह की राजनीति करने का प्रयास किया गया। इसे मोदी की वैक्सीन बताया गया।
वैक्सीन की गुणवत्ता और प्रमाणिकता पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए गए। राजनेताओं ने राजनीतिक लाभ और सनसनी पैदा करने के लिए वैक्सीन और भारत को बदनाम करने के प्रयास किए, लेकिन पूरी दुनिया ने हमारी वैक्सीन की गुणवत्ता को स्वीकार किया। जो लोग पहले वैक्सीन को गाली दे रहे थे, वही लोग अब पंक्ति लगाकर वैक्सीन मांगने का काम कर रहे हैं।
दिसंबर तक देश में सबको वैक्सीन
शेखावत ने कहा कि वैक्सीन की जिस तरह से मांग बढ़ी, उसके हिसाब से सरकार ने उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है। जो 4 करोड़ वैक्सीन अप्रैल में बना रहे थे, वो 9 करोड़ आने वाले महीने में बनाने का निर्णय किया गया है। उसके बाद 50-60 करोड़ डोज का उत्पादन भी करेंगे। मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि दिसंबर तक देश के प्रत्येक नागरिक को वैक्सीन मिलने का काम पूरा हो जाएगा। ये अपने आप में दुनिया में एक कीर्तिमान होगा।
अब जनता से माफी मांगे ये नेता
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कच्चे माल की कमी के कारण वैक्सीन के उत्पादन में थोड़ी कमी आई थी, लेकिन अब वह सब ठीक है। जिन लोगों ने पहले वैक्सीन को लेकर भ्रांतियां फैलाई थीं, उसके कारण लोग वैक्सीन लेने का निर्णय नहीं ले सके। पहले एक तरफ यह स्थिति थी कि वैक्सीन स्टेट में आती थी, बर्बाद होती थी, लेकिन अब इसकी कमी स्टेट में हो रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह से लेकर राहुल गांधी और अशोक गहलोत ने वैक्सीन पर संदेह व्यक्त किया था।
अब वैक्सीन नहीं मिलने पर यही लोग हाहाकार मचा रहे हैं। मुझे लगता है कि ये लोग स्वयं अपने आप को दोषी मानकर जनता से माफी मांगें। इन लोगों ने देश को नीचा दिखाने का काम किया है। इन लोगों ने उपलब्ध संसाधनों का ठीक से उपयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से जो वेंटिलेटर भेजे गए थे, उनका राज्य सरकारों ने ठीक से उपयोग नहीं किया।
वेंटिलेटर भेजे जाने के बाद भी अगर वेंटिलेटर की कमी के कारण किसी की जान गई है तो सीधे तौर पर इसके लिए राज्य सरकार हत्या की दोषी है। शेखावत ने कहा कि टूलकिट मामले में पहले कांग्रेस को रिसर्च करना चाहिए। दूरदराज के क्षेत्रों में बैठकर कोई एक एफआईआर दर्ज करवाकर राजनीति करें, ये बिल्कुल ठीक नहीं है। जनता सब समझ रही है।
पत्रकार वार्ता में राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रसन्न मेहता, दक्षिण नगर निगम की महापौर वनीता सेठ, शहर जिला अध्यक्ष देवेंद्र जोशी, देहात अध्यक्ष मनोहर पालीवाल, जिला महामंत्री दवेंद्र सालेचा,महेन्द्र मेघवाल और करणी सिंह खींची, माहेश्वरी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव संदीप काबरा सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।