जोधपुर: ‘ऑपरेशन शील्ड’ जब जोधपुर बना जंग का मैदान!

  • आसमान के खतरे की आहट…
  • जमीन पर प्रशासन की कड़ी परीक्षा
  • आपदा एवं सुरक्षा प्रबंधन में दिखा प्रशासन
  • पुलिस और वायुसेना का समन्वय

जोधपुर(डीडीन्यूज),जोधपुर: ‘ऑपरेशन शील्ड’ जब जोधपुर बना जंग का मैदान!। ऑपरेशन शील्ड के तहत जोधपुर शहर में शनिवार को एक उच्च स्तरीय संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया,जिसने पूरे शहर को एक आपातकालीन युद्ध क्षेत्र का रूप दे दिया। यह अभ्यास जिला प्रशासन,पुलिस प्रशासन, चिकित्सा विभाग और वायुसेना के समन्वित प्रयासों का सजीव उदाहरण था,जिसका उद्देश्य किसी भी आकस्मिक हवाई हमले या आपदा की स्थिति में त्वरित,प्रभावी और संगठित प्रतिक्रिया की क्षमता का परीक्षण करना था।

अभ्यास की शुरुआत एक ब्लैक आउट से हुई,जब पूरे इलाके में बिजली गुल कर दी गई और मॉक हवाई हमले का काल्पनिक संकट प्रस्तुत किया गया। जोधपुर के बीजेएस क्षेत्र में निर्माण किए गए इस काल्पनिक संकट के दौरान, घायल नागरिकों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करते हुए उन्हें 12 मिनट के भीतर एमडीएम अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में तत्काल चिकित्सकीय सेवाएं सक्रिय कर दी गईं,जिससे राहत कार्यों की दक्षता परखने में मदद मिली।

मॉक ड्रिल के दौरान आपात संचार, एम्बुलेंस प्रबंधन,ट्रैफिक नियंत्रण और फील्ड अस्पताल की व्यवस्था का भी परीक्षण किया गया। वायु सेना क्षेत्र में एक अस्थायी फील्ड अस्पताल स्थापित किया गया था, जहां गंभीर रूप से घायल दर्शाए गए नागरिकों के लिए विशेष चिकित्सा टीम तैनात थी।

इस समग्र अभ्यास की निगरानी संभागीय आयुक्त डॉ.प्रतिभा सिंह एवं जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने की। उन्होंने कंट्रोल रूम का संचालन देख-रेख की और एमडीएम अस्पताल जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय सुरेन्द्र राजपुरोहित और एसडीएम पंकज जैन ने राहत और चिकित्सा कार्यों की प्रत्यक्ष निगरानी सुनिश्चित की।

“ऑपरेशन शील्ड” ने यह संदेश दिया कि जोखिम चाहे हवाई हमला हो या अन्य कोई आकस्मिक आपदा, जोधपुर पूरी तरह तैयार है। इस मॉक ड्रिल ने न केवल प्रशासन की तत्परता और समयबद्ध प्रतिक्रिया को प्रदर्शित किया,बल्कि यह भी प्रमाणित किया कि सभी एजेंसियां मिलकर एक सशक्त टीम की तरह काम कर सकती हैं।

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यह अभ्यास केवल एक ड्रिल नहीं, बल्कि एक प्रतिबद्धता थी,जोखिम के समय शहर की सुरक्षा,राहत और चिकित्सा कार्यों में कोई कमी न रहे। “शब्दों से नहीं,अभ्यास से आती है तैयारी की पहचान।”

इस मॉक ड्रिल में नागरिक सुरक्षा विभाग,पुलिस प्रशासन,एयरफोर्स, सेना की टीम,NCC कैडेट्स, चिकित्सा विभाग,अग्निशमन दल सहित सभी एजेंसियों ने अत्यंत संगठित एवं त्वरित समन्वय के साथ भागीदारी निभाई।